01-Nov-2025

एन आई एन पिथौरागढ़। उत्तराखंड गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) महासंघ ने पंचायती राज निदेशालय उत्तराखंड पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन ने कहा कि चार साल से प्रशिक्षण का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस बार प्रशिक्षण का कार्य उत्तर प्रदेश, दिल्ली तथा महाराष्ट्र वालों को देने के लिए परीक्षा का षड्यंत्र रचा गया। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री आवास के सम्मुख सामूहिक आत्मदाह किया जाएगा। महासंघ के राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव तथा सचिव पंचायती राज को ईमेल से भेजे पत्र में कहा है कि वर्ष-2022-23 में राज्य के प्रशिक्षणदाता अधिकांश एनजीओ को आज की तिथि तक प्रशिक्षण का भुगतान नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि एक जैसे प्रशिक्षण तथा एक जैसे दस्तावेज के आधार पर कुछ संस्थाओं एवं कंपनियों को पूर्ण भुगतान कर दिया गया। अधिकांश संस्थाओं को भुगतान से वंचित कर दिया गया है। पंचायतीराज निदेशालय उत्तराखंड में सूचीबद्ध करने के लिए नियमों में भारी बदलाव किया। उन्होंने आरोप लगाया कि वॉल राइटिंग के नाम पर भी निदेशालय में भारी घोटाला किया गया है। वाल राईटिंग के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान हो गया है और फील्ड में कार्य नहीं हुआ है। इन बिंदुओं पर भी जांच की मांग की। इस मामले में पंचायती राज निदेशालय की निदेशक निधि यादव ने बताया सभी आरोप बेबुनियाद है। प्रशिक्षण उत्तराखंड के लोगों को ही दिया जा रहा हैं। चार साल पहले कोई भुगतान हुआ है तो यह उस समय के अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए कहें। राज्य के कुछ एनजीओ ने एग्जाम दिया था, वह पास नहीं हुए और उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।



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