एन आई एन

पिथौरागढ़। कहा जाता है कि जहां चाह वहां राह। इस कहावत को जाखपंत गांव के युवा दीपक ने सार्थक कर दिखाया है। उन्होंने सुविधाओं की कमी का रोना रोने वाले लोगों को राह दिखाते हुए मशरूम उत्पादन के जरिए न अपने लिए स्वरोजगार शुरू किया बल्कि वह अब इस दिशा में अन्य लोगों को भी आगे बढ़ा रहे हैं।
पढ़ाई पूरी करने के बाद दीपक ने दिल्ली में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम किया लेकिन कोविड के चलते उन्हें गांव वापस आना पड़ा। गांव से वह वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे, इस दौरान उन्हें गांव में कुछ नया करने का विचार आया। उन्होंने मशरूम उत्पादन में संभावनाएं देखी और कृषि विज्ञान केंद्र से इसका प्रशिक्षण लेकर मशरूम का उत्पादन शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने 50 किलो खाद से अपना व्यवसाय शुरू किया। मशरूम का अच्छा उत्पादन होने पर उन्होंने अब चार टन से ज्यादा मशरूम का उत्पादन शुरू कर दिया है। दीपक बताते हैं कि वह दो तरह के मशरूम बटन मशरूम और आयस्टर मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। स्थानीय होटल सब्जी मंडी में बटन मशरुम की अच्छी मांग है। आयस्टर मशरूम की ज्यादा डिमांड नहीं होने के कारण इसे ड्राई कर दिल्ली भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य गांव में ही 10 टन तक मशरूम उत्पादन करने का है। वह अपने साथ-साथ गांव के अन्य लोगों को भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ा रहे हैं। गांव के कुछ अन्य लोगों ने भी अब मशरूम का उत्पादन शुरू कर दिया है।

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