16-Dec-2025

गंगोलीहाट तहसील क्षेत्र से चार किलोमीटर दूर स्थित ऊकला सिमलकोट गांव में सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने वाली एक भावुक और प्रेरणादायक घटना सामने आई है। गांव निवासी स्वर्गीय किशन कन्याल को उनकी सात बेटियों ने मिलकर मुखाग्नि दी। बेटियों ने न केवल अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया, बल्कि सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार की सभी रस्में भी पूरी कीं, जो परंपरागत रूप से पुत्रों द्वारा निभाई जाती रही हैं। कन्याल परिवार की सातों बेटियों का यह साहसी कदम पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन गया। विशेष रूप से उल्लेखनीय यह रहा कि परिवार की एक बेटी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल  में कार्यरत हैं। देश सेवा की वर्दी पहने इस बेटी ने अपनी छह बहनों के साथ मिलकर पिता को अंतिम विदाई दी और यह संदेश दिया कि बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं।

इस भावुक मौके पर जिला पंचायत सदस्य राहुल कुमार भी मौजूद रहे। उन्होंने स्वर्गीय किशन कन्याल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और बेटियों के साहस, प्रेम और सामाजिक चेतना की सराहना की। उन्होंने कहा कि कन्याल परिवार की बेटियों ने पूरे समाज को एक सशक्त संदेश दिया है। यह घटना केवल एक अंतिम संस्कार नहीं, बल्कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारे को साकार करने वाली जीवंत मिसाल है। गंगोलीहाट की यह घटना बदलते सामाजिक सोच और बेटियों की बढ़ती भूमिका का प्रतीक बनकर सामने आई है, जिसने क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है।



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