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पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय के नजदीक आज भी कई ऐतिहासिक भवन सोर घाटी के समृद्ध इतिहास की गवाही दे रहे है। इन्हीं भवनों में शामिल है थरकोट गांव के समय बना तीन मंजिला दुर्ग। मंगलवार को जिले के प्रसिद्ध लेखक किशोर पाटनी की अगुवाई में इतिहास प्रेमियों ने दुर्ग का निरीक्षण किया। स्थानीय लोगों ने बातचीत में बताया कि यह दुर्ग 300 वर्ष पुराना है और उसके भीतर रावल जाति के लोगों की तीन राठें रहती थी। इतिहासकार मदन चंद भट्ट के अनुसार कुमाऊं की प्रसिद्ध जिया रानी ने दुर्ग के नजदीकी हाट गांव में एक बड़ा नौला बनवाया था जो आज भी रानी के नौला के नाम से प्रसिद्ध है ।इस दुर्ग का संबंध पृथ्वी शाही से भी जोड़ा जाता है। दुर्ग अब क्षतिग्रस्त हालत में है। इतिहास प्रेमियों ने इस दुर्ग का जीर्णोद्वार कराये जाने की मांग की है।

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