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पिथौरागढ़। राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड की पहल पर धारचूला के उच्च हिमालय क्षेत्र में वन चूक सीबकथोर्न के व्यावसायिक उत्पादन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह ने बताया कि हिमाचल से वन चूक के 5000 पौध लाये गए हैं। जिनका रोपण उच्च हिमालय क्षेत्र में किया जाएगा ।उन्होंने बताया कि क्षेत्र के किसानों और वन विभाग की एक टीम हिमाचल प्रदेश जाकर वन चुक उत्पादन इसके मूल्य वर्धन और इससे विभिन्न उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लेकर लौट आया है। किसानों ने हिमाचल में वनचूक के उत्पादन की बारीकियां को समझा और इस दौरान उन्होंने वन चूक फॉर्म का भ्रमण भी किया। प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह ने कहा कि वनचूक को हिमालय की संजीवनी भी कहा जाता है। इसमें कैंसर डायबिटीज जैसी तमाम बीमारियों के उपचार की ताकत है। इसके तमाम उत्पाद बाजार में बिक रहे हैं। धारचूला क्षेत्र में इसके उत्पादन से किसानों की आजीविका में बढ़ोतरी होगी। हिमाचल गई टीम का नेतृत्व डॉक्टर विजय भट्ट ने किया।

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