एन आई एन
पिथौरागढ़। विवाह के एक सप्ताह बाद ही महिला को दहेज के लिए उत्पीडित करने के मामले में आरोपी दीपेश रावत और उनकी मां जीवंती रावत को न्यायालय ने दो-दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। वर्ष 2019 में पीड़िता ने गंगोलीहाट थाने में पति दीपेश रावत और सास जीवंती रावत के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज जूनियर डिवीजन गंगोलीहाट ने दोनों को दो-दो वर्ष के कारावास की सजा के साथ अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई थी। सजायाप्ता मां और बेटे ने अपर सत्र न्यायालय में अपील की। अपर सत्र न्यायाधीश गीता चौहान ने सजा को बरकरार रखा है। इस मामले में पैरवी शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत और एडीजीसी महेंद्र आर्य ने की।एन आई एन
पिथौरागढ़। विवाह के एक सप्ताह बाद ही महिला को दहेज के लिए उत्पीडित करने के मामले में आरोपी दीपेश रावत और उनकी मां जीवंती रावत को न्यायालय ने दो-दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। वर्ष 2019 में पीड़िता ने गंगोलीहाट थाने में पति दीपेश रावत और सास जीवंती रावत के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज जूनियर डिवीजन गंगोलीहाट ने दोनों को दो-दो वर्ष के कारावास की सजा के साथ अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई थी। सजायाप्ता मां और बेटे ने अपर सत्र न्यायालय में अपील की। अपर सत्र न्यायाधीश गीता चौहान ने सजा को बरकरार रखा है। इस मामले में पैरवी शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत और एडीजीसी महेंद्र आर्य ने की।

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