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खटीमा। जनजाति पखवाड़ा तथा भारतीय भाषा उत्सव 2024 के अंतर्गत टीचर्स लर्निंग सेंटर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन खटीमा में शिक्षक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का मुख्य उद्देश्य थारू जीवन तथा भारतीय भाषाओं के संदर्भ में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत आयोजित हो रहे कार्यक्रमों का मूल्यांकन था। खंड शिक्षा अधिकारी भानु प्रताप कुशवाहा की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। अपने अध्यक्षीय संबोधन में बीईओ कुशवाहा ने कहा कि शिक्षा के संबंध में सांस्कृतिक प्रतीकों पर काम करने की जरूरत है, तभी युवा पीढी का बौद्धिक विकास संभव है। इस अवसर पर ललित मोहन राणा द्वारा निर्मित थारू समाज से जुड़ी एक डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गई जिसमें थारू समाज का इतिहास, भौगोलिक परिस्थितियों, रीति रिवाज, खान-पान, धार्मिक प्रतीक, आवास, जनसंख्या और शिक्षा से जुडी घटनाएं सम्मलित थी।
शिक्षकों ने स्कूलों में उन गतिविधियों पर अनुभव साझा किए जो थारू जीवन पद्धति को ध्यान में रखकर संपादित किए गए। वहीं राम नारायण वर्मा ने युवा पीढ़ी के मध्य नशे और बेगारी पर चिंता व्यक्त की। इस अवसर पर खटीमा ब्लॉक के शिक्षक देवकीनंदन परगाई, राम रतन यादव, रामस्वरूप गंगवार, डॉ अतर सिंह, हरिओम पारखी,आलोक कुमार आदि उपस्थित रहे।
मृदुल पांडेय
खटीमा।