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पिथौरागढ़। पूर्ति कार्यालय पिथौरागढ़ में फोर्टिफाइड चावल को लेकर पूर्ति निरीक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षकों ने कहा कि जरूरी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का खजाना फोर्टिफाइड चावल है।यह स्वास्थ्य वर्धक है और कुपोषण के खिलाफ हथियार है। इसको लेकर जनता के बीच फैले भ्रम को दूर रखें।
मुख्य प्रशिक्षक तृप्तिदास ने अधिकारियों और निरीक्षकों को फोर्टिफाइड चावल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फोर्टिफिकेशन में किसी खाद्य पदार्थ में जरूरी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की मिलावट की जाती है। शरीर में किसी भी पौष्टिक तत्व की कमी को पूरा करने के लिए फोर्टिफिकेशन बहुत अच्छा है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में दो अरब लोग सूक्ष्म पोषकतत्वों के शिकार होते हैं। फोर्टिफाइड राइस आयरन फॉलिक एसिड, विटामीन बी-12 मिलता है। जिंक, विटामीन ए, विटामीन बी-1, बी-2, बी-3 और बी-6 से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइन जारी की गई थी। एक बार तैयार होने के बाद फोर्टिफाइड राइस को 12 माह तक खाया जा सकता है। फोर्टिफाइड चावल की लंबाई 05 मिलीमीटर और चौड़ाई 2.2 मीटर से ज्यादा नहीं होती है। आम चावलों की तरह इन्हें धाेकर पकाकर खाया जा सकता है। इस मौके पर पूर्ति निरीक्षक भुवन चंद्र सनवाल, अमर सिंह बुदियाल, संजय बिष्ट, कृष्ण सिंह कुंवर, विरेंद्र सिंह पाल सहित कई पूर्ति निरीक्षक मौजूद रही।

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