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पिथौरागढ़। पेयजल संकट से जूझ रही नगर और आसपास के गांव की महिलाओं के सब्र का बांध सोमवार को टूट गया। जाग उठा पहाड़ की पहल पर आयोजित पानी पंचायत में बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुष रामलीला मैदान पहुंचे। पानी पंचायत में लोगों ने कहा कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। जल निगम और जल संस्थान पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए घाट पंपिंग पेयजल योजना की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई गई। पानी पंचायत के बाद जाग उठा पहाड़ के संयोजक गोपू महर की अगुवाई में नगर में गाजे बाजे के साथ विशाल जुलूस निकाला गया। हाथों में निशान लेकर निकली महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची जहां महिलाओं ने एक बार फिर जमकर अपना आक्रोश जताया। महिलाओं ने जिला अधिकारी कार्यालय के सम्मुख अपनी समस्या बताते हुए कहा कि पानी की समस्या के चलते उन्हें अपनी दिनचर्या बदलना पड़ रही है देर रात तक नौले धारों से पानी जुटाना पड़ रहा है। महिलाओं ने पेयजल संकट का अविलंब समाधान कराए जाने की मांग की। पेयजल संकट को देखते हुए लोगों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जिले को पेयजल आपदा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करते हुए अविलंब दो करोड रुपए की धनराशि दिए जाने की मांग भी उठाई गई। प्रदर्शन करने वालों में व्यापार संघ अध्यक्ष तपन रावत, चंद्रशेखर भट्ट, लक्ष्मी दत्त जोशी, शंकर खड़ायत, वीरेंद्र कुमार, मुकेश भट्ट, मठ मंदिर प्रमुख कैलाश जोशी, रमेश बिष्ट, भगवती पुनेठा, उमा पांडे महेश पाठक, भीम सिंह महर, ललित धनिक, बबीता पुनेठा, सोनम पांडे, पवन नाथ, किशोर केल्विन धामी, भूपेश नगरकोटी, भूपेश जोशी आदि शामिल रहे। उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सीडिआओ नंदन कुमार, जल स्थान के अधिशासी अधिकारी सुरेश चंद्र जोशी को ज्ञापन सौपा।

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