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पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के नजदीकी कपिलेश्वर पर्वत श्रंखला में स्थित मां कौशल्या देवी मंदिर में माघ माह में दर्शनों के लिए भक्त बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। हुडेती, पुनेडी, कुजौली पपदेव सहित सात गांवों की इस कुलदेवी का इतिहास पांडव काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। हुडेती गांव की रहने वाले लेखक एवं शिक्षक राजेश मोहन उप्रेती बताते हैं कि पांडव हिमालय जाने से पहले इसी मंदिर की गुफा में रुके थे। सोर घाटी के गांव में जब-जब कोई विपत्ति आती है गांव के लोग यहां पूजा करते हैं और विपत्ति टल जाती है। मंदिर में आने से पहले प्याज, लहसुन आदि पूरी तरह वर्जित है। इस मंदिर में बलि भी नहीं दी जाती है। हाल के वर्षों में इस मंदिर का सौंदर्यीकरण कराया गया है। अब मंदिर धार्मिक पर्यटन में धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहा है।

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