न्यूज़ इंडो नेपाल
पिथौरागढ़। जिले के कोट्यूड़ा गांव की रहने वाली वीरांगना माधवी देवी को वर्ष 1977 से पेंशन नहीं मिल रही है। उनके पति कुंवर सिंह ने 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान अपनी शहादत दे दी थी। 1977 तक उन्हें पेंशन मिलती रही। बाद में पुनर्विवाह का हवाला देकर उनकी पेंशन बंद कर दी गई। जबकि विरांगनाओं के पुनर्विवाह करने के बाद भी पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। कार्यालयों के चक्कर काटते कटे थक चुकी माधवी देवी ने अब प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें पेंशन दिलाए जाने की मांग की है।