एन आई एन
नैनीताल। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण रोस्टर को लेकर दाखिल याचिकाओं पर बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट में करीब दो घंटे तक सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई 26 जून तक के लिए बढ़ा दी है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता और मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने दलील दी कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित करना आवश्यक कदम था। वहीं, याचिकाकर्ताओं ने पंचायत राज अधिनियम और संविधान के अनुच्छेद 243टी का हवाला देते हुए रोस्टर को संवैधानिक बाध्यता बताया। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि कितनी सीटों पर रोस्टर की पुनरावृत्ति हुई है और क्या यह संविधान और पंचायत राज एक्ट का उल्लंघन नहीं है? सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक बनाए रखते हुए अगली सुनवाई 26 जून को तय की है।

error: Content is protected !!