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पिथौरागढ़। जिला अस्पताल में सर्जन की टीम ने अपनी तरह का पहला अनोखा आपरेशन किया है। टीम का मरीज के परिजनों ने आभार जताया है। मूनाकोट ब्लॉक के मड़मानले गांव का 16 वर्षीय सुजल खनका बीत दिन से पेट दर्द से कराह रहा था। वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। सुजल के पिता मनोज खनका उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जांच में चिकित्सकों को पता चला कि उसका एक अंडकोष अपनी जगह से घूम गया है। यदि छह घंटे के अंदर उसका आपरेशन नहीं किया गया तो अंडकोष खराब हो जाता है। अस्पताल के मुख्य सर्जन डॉ. लाल सिंह बोरा के निर्देशन में सर्जन डॉ. दीपक नारायण, निश्चेतक डॉ. रजनी बोरा, भूपेंद्र, शबाना, सुमन, भावना, राज बखरिया ने सुजल का एक घंटे का आपरेशन कर अंडकोष को अपनी जगह पर रखा। दूसरे अंडकोष को भी एक जगह स्थिर किया गया। डॉ. बोरा ने बताया कि इस तरह की दिक्कत क्लीपर वेल डिफारमिटी वाले मरीज में रहती है। यह बीमारी ज्यादातर पैदाइशी होती है। एक अंडकोष के घूमने के बाद दूसरे के भी घूमने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि इस तरह का ऑपरेशन पहली बार हुआ है। बताया कि अंडकोष ही शुक्राणु बनाता है। एक अंडकोष के खराब होने पर व्यक्ति मानसिक रुप से परेशान भी रहता है। बताया कि कोशिश सफल रही बच्चा पूरी तरीके से स्वस्थ है।