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पिथौरागढ़। महाशिवरात्रि पर्व पर पहाड़ों में पाया जाने वाला तरुड़ 150 से 200 रुपये किलो तक बिका। इस बार ग्रामीण क्षेत्रों से तरुड़ बिकने को कम आया। इस वजह से इसके दाम काफी बढ़ गए। ग्रामीणों ने बताया कि जंगली सुअरों ने कई जगहों पर तरुड़ को पहले ही खोद दिया था। तरुड़ जमीन के अंदर पांच फीट तक गहरा चला जाता है। इसके चलते इसे खोद कर निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। तरुड़ को कंद माना जाता है। यह भोलेनाथ को काफी प्रिय है। सबसे पहले इसे भोलेनाथ को अर्पित किया जाता है। इसके बाद उपवास पर रहे भक्त इसका भोग लगाते हैं।