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पिथौरागढ़। धारचूला के एलधार चट्टान में लगभग 20 करोड़ की लागत से हो रहे ट्रीटमेंट कार्य में सिंचाई विभाग का रवैया ढीला ढाला है। मशीनरी और मजदूर तैनात है लेकिन उन्हें काम ही नहीं बताया जा रहा, जिसके चलते मजदूर धीमी गति से कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। पिछले वर्ष एलधार में हुए भूस्खलन से धारचूला के मल्ली बाजार में छह मकान धराशायी हो गए थे। कई मकानों में दरारें आ गई थी। तीन महीने तक मल्ली बाजार क्षेत्र अलग-थलग पड़ा रहा ।भूस्खलन की आशंका को देखते हुए सरकार ने सिंचाई विभाग को 20 करोड रुपए की स्वीकृति दी है, लेकिन विभाग की ढीली कार्य प्रणाली के चलते मानसून किल तक ट्रीटमेंट कार्य की पूरा हो पाने की उम्मीद नहीं है। ढीले डाले रवैये से धारचूला के लोगों में सिंचाई विभाग के खिलाफ गहरी नाराजगी है।