मॉडल जिले की योजनाओं का होना चाहिए बदला हुआ स्वरूप
न्यूज़ आई एन
चंपावत। मंगलवार को जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा चालू वर्ष में कृषि से संबंधित विभिन्न रेखीय विभागों के द्वारा जिला योजना हेतु प्रस्तावित जिला योजना के अंतर्गत प्रस्तुत कार्य योजना की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा कृषि,उद्यान, भेषज एवं जड़ी बूटी, रेशम, पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य, सिंचाई, सहकारिता, लघु सिंचाई, नलकूप एवं कृषि विभाग के द्वारा प्रस्तावित लगभग 10 करोड़ की योजनाओं की विभागवार समीक्षा की। डी एम ने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित कर लें कि इस वर्ष में गत वर्ष की तुलना में जनपद के किसानों की आर्थिक में वृद्धि हो, गांव से पलायन रुके और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले, ऐसी योजनाओं का चयन कर लक्ष्य के सापेक्ष कार्य करना सुनिश्चित करें। इस हेतु स्वयं अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र के कार्य स्थल तक जाकर कार्य योजनाओं का स्थल एवं भौतिक सत्यापन करें। डी एम ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता के साथ ही मितव्ययिता का भी ध्यान रखें। यह प्रयास रहे कि जिले में कृषि औद्योनिकी के क्षेत्र में बढ़ोतरी हो इस हेतु सभी रेखीय विभाग कलस्टरवार इस क्षेत्र में कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिले की सभी 24 न्याय पंचायतों में एक-एक गांव का चयन कर उस गांव को एक मॉडल गांव के रूप में विकसित करते हुए गांव में संभावित कृषि संबंधित कार्यों को प्राथमिकता के तहत करें। डी एम ने कृषि एवं उद्यान अधिकारी को जनपद के किसानों को उन्नतशील कृषि, औद्योनिकी, बीजों, फल पौध का वितरण करने के साथ ही अच्छी गुणवत्ता के कृषि उपकरण व कीटनाशक दवा वितरित कराए। किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण उपलब्ध कराए। जिले में पारंपरिक खेती के साथ ही लाल धान, लाल गेहूं, कीवी, आलू, अदरक, मशरूम, केसर आदि फसलों को बढ़ाए जाने के साथ ही यहां के उत्पादों की ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग के क्षेत्र में भी कार्य कराया जाए। बेहतर कार्य करने वाले किसानों को पुरुस्कृत करने के साथ ही उनकी सक्सेस स्टोरी तैयार कराई जाए। उन्होंने डीएसओ को मुडयानी नर्सरी को एक मॉडल नर्सरी बनाए जाने, रेशम विभाग को जिले में रेशम उत्पादन को बढ़ाए जाने हेतु अधिक से अधिक किसानों को शहतूत के पौध वितरित करने व जिले में फॉर्म विकसित करने के निर्देश दिए। पशुपालन एवं दुग्ध विभाग को जिले में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाए जाने, नई दुग्ध समितियों का गठन किए जाने, गोट वैली विकसित किए जाने, 800 ऐसे कास्तकार जिनके दुधारू पशु का एसएनएफ (दुग्ध मानक) कम होने के कारण उन्हें दूध का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है ऐसे पशुपालक को पशु हेतु आवश्यक न्यूट्रिशन, चारा आदि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि पशुपालकों को दूध का उचित मूल्य मिल सके। मत्स्य विभाग को जिले में मत्स्य उत्पादन को बढ़ाए जाने हेतु कास्तकारों के माध्यम से मछली की होम डिलीवरी कराए जाने की व्यवस्था करने सहित अन्य निर्देश दिए। डी एम ने सहकारिता विभाग को जिले में 5 सीएससी आधार केंद्र, 5 जन औषधि केंद्र के निर्माण सहित विभिन्न समितियों के सुधारीकरण के निर्देश दिए। बैठक में सिंचाई, लघु सिंचाई, नलकूप विभाग को जिले में कृषि संचित क्षेत्र को बढ़ाए जाने हेतु नहरों, गूलों का निर्माण व मरम्मत कराए जाने के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। डीएम ने सीडीओ को निर्देश दिए कि वह स्वयं समय समय पर रेखीय विभागों के साथ बैठक कर कार्यों की समीक्षा करें। बैठक में सीडीओ संजय कुमार सिंह, डीडीओ दिनेश दिगारी, सीएओ जीएस भंडारी, डीएचओ टीएन पांडे आदि उपस्थित रहे।